अमर प्रेम राधा-कृष्णा की कहानियाँ

अमर प्रेम राधा-कृष्णा की कहानियाँ

श्रीकृष्ण और राधा का प्रेम अनन्त रहता है। राधा-कृष्ण के अद्भुत प्रेम की बहुत सी कहानियाँ हैं। राधा और कृष्ण की दिलचस्प प्रेम कहानी जानें।
श्री कृष्ण की बाल लीलाओं की कहानियाँ हर किसी को भाती हैं लेकिन उनकी प्रेम लीला के प्रसंग भी खूब हैं। राधा-कृष्ण का नाम सबसे पहले प्रेम कहानियों में आता है। कृष्ण और राधा का प्रेम दिव्य, निःस्वार्थ और आत्मीय था। राधा-कृष्ण के प्रेम को कई पौराणिक कहानियाँ बताती हैं।
राधा-कृष्ण की पहली मुलाकात
पौराणिक कहानियों में बताया गया है कि राधा श्रीकृष्ण से लगभग पांच साल बड़ी थीं। एक कहानी कहती है कि राधा ने श्रीकृष्ण को पहली बार देखा जब मां यशोदा ने उसे ओखल से बांध रखा था। कहा जाता है कि राधा ने कृष्ण को पहली बार देखा तो वे बेसुध हो गईं। राधा ने कृष्ण को देखते ही उनसे प्रेम किया। राधा को लगता था कि कृष्ण से उनका कोई पूर्व जन्म का संबंध है।
वहीं कुछ विद्वानों का कहना है कि राधा ने श्रीकृष्ण को पहली बार गोकुल में अपने पिता के साथ देखा था। तीर्थ संकेत दोनों की पहली मुलाकात का स्थान है। यहां पर कृष्ण को देखते ही राधा बेहोश हो गई। कृष्ण भी इसी तरह थे। राधा को देखकर वे भी रो पड़े। दोनों को पहली बार ही प्रेम हुआ।
श्री कृष्ण की प्रिय चीजें
राधा की स्मृति में श्रीकृष्ण ने वैजयंती माला पहनी और मोरपंख लगाया। पौराणिक कहानियों के अनुसार, राधा के साथ उपवन में नृत्य करते समय श्रीकृष्ण को मोरपंख मिला। नृत्य करने से पहले, राधा ने श्रीकृष्ण को वैजयंती माला पहनाई और मोर के पंख को अपने सिर पर रखा। इन कहानियों से पता चलता है कि भगवान कृष्ण और राधा के बिना कृष्ण को पूरा नहीं माना जाता था।
माना जाता है कि श्रीकृष्ण को दो चीजें सबसे प्रिय थीं: बांसुरी और राधा रानी। कृष्ण की बांसुरी की धुन सुनकर राधा हर जगह खिंची चली आती थीं। जब कृष्ण राधा को छोड़कर मथुरा जाने लगे थे तो उन्होंने अपनी सबसे प्रिय मुरली राधा को भेंट में दी थी। राधा ने भी इस मुरली को कई वर्षों तक संभालकर रखा था। वह इस मुरली को बजाकर हर बार श्रीकृष्ण की याद आती थीं।