अमेरिकी उपराष्ट्रपति बोले- ग्रीन कार्ड होल्डर्स को वापस भेज सकते हैं: उन्हें हमेशा रहने का अधिकार नहीं….

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अमेरिकी उपराष्ट्रपति बोले- ग्रीन कार्ड होल्डर्स को वापस भेज सकते हैं: उन्हें हमेशा रहने का अधिकार नहीं

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा कि ग्रीन कार्डधारी अमेरिका में हमेशा के लिए नहीं रह सकते हैं। ग्रीन कार्ड प्राप्त करने का अर्थ नहीं है कि व्यक्ति को पूरी जिंदगी अमेरिका में रहने का अधिकार मिल गया है। सरकार ग्रीन कार्ड रखने वालों को निकाल सकती है। टीवी चैनल के इंटरव्यू में उन्होंने यह कहा।

स्थायी निवासी कार्ड कानूनी तौर पर ग्रीन कार्डधारी कहलाता है। इससे व्यक्ति को अमेरिका में रहने और काम करने का अधिकार मिलता है, बशर्ते वह कोई ऐसा अपराध नहीं करे जो इमिग्रेशन कानूनों का उल्लंघन करे। USA फैक्ट्स के अनुसार, 2013 से 2022 तक 7.16 लाख भारतीयों को अमेरिका में ग्रीन कार्ड मिला है।

ग्रीन कार्ड को कानूनी तौर पर स्थायी निवासी कार्ड नाम से जाना जाता है। इससे अमेरिका में परमानेंट तौर पर रहने और काम करने का अधिकार मिल जाता है, बशर्ते व्यक्ति ऐसे अपराध में शामिल न हो जिससे इमिग्रेशन कानूनों का उल्लंघन हो। USA फैक्ट्स के मुताबिक, 2013 से 2022 तक अमेरिका में 7.16 लाख भारतीयों को ग्रीन कार्ड मिल गया है।

ग्रीन कार्ड के इंतजार में 12 लाख भारतीय

अमेरिका में ग्रीन कार्ड रखने वाले लोगों में मेक्सिको के बाद भारतीय दूसरे नंबर पर आते हैं। 2022 में 1.27 लाख भारतीयों को ग्रीन कार्ड मिला। इनके अलावा 12 लाख से ज्यादा भारतीय प्रवासी ग्रीन कार्ड की वेटिंग लिस्ट में शामिल हैं। ग्रीन कार्ड मिलने के 3 से 5 साल के अंदर व्यक्ति अमेरिका की परमानेंट रेजिडेंसी के लिए अप्लाई कर सकता है।

न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक वेंस के बयान के बाद ग्रीन कार्ड धारकों में चिंता बढ़ सकती है कि वे अचानक निर्वासित किए जा सकते हैं। कई साल से अमेरिका में रहकर कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करने वाले प्रवासियों के बीच इस बात का डर सता रहा है कि राजनीतिक फैसलों से उनके स्थायी निवास पर असर पड़ सकता है।

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