जमशेदपुर को ऑपरेटिव कॉलेज मे एकदिवसीय राष्ट्रीय कांफ्रेंस “जैव विविधता” पर विवेकानंद सभागार मेंआयोजित किया गया 27 April

जमशेदपुर को ऑपरेटिव कॉलेज मे एक दिवसीय राष्ट्रीय कांफ्रेंस “जैव विविधता” पर विवेकानंद सभागार मेंआयोजित किया गया 27 April
आज दिनांक 26अप्रैल 2025 दिन शनिवार को जमशेदपुर को ऑपरेटिव कॉलेज के विवेकानंद सभागार में एकदिवसीय राष्ट्रीय कांफ्रेंस “जैव विविधता: चुनौतियां , और बहाली रणनीतियां” के तहत आज पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता रखा गया था,
कार्यक्रम सुबह 11.30 बजे शुरू हुआ, प्राचार्य महोदय डॉक्टर अमर सिंह ने प्रतिभागियों को संबोधित किया और अपने ज्ञानवर्धक शब्दों से उनका उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आइक्यूएसी को-ऑर्डिनेटर डॉ नीता सिन्हा ( रसायन विभाग) ने प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा उनका मनोबल बढ़ाया।

आयोजन सचिव डॉ. शालिनी शर्मा ( वनस्पति विभाग) ने पोस्टर प्रस्तुति के उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित किया। विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से प्रतिभागियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया प्रतिभागी अलग अलग विश्वविद्यालय से आए थे (जेडब्ल्यूयू, श्रीनाथ यूनिवर्सिटी, उषा मार्टिन यूनिवर्सिटी) आदि इस कार्यक्रम में 30 प्रतिभागियों ने पोस्टर प्रस्तुत किए।

निर्णायक:का कार्यभार डॉ. ब्रजेश कुमार, ( वनस्पति विभाग) डॉ. किरण दुबे, ( भौतिक विभाग) और डॉ. स्वाति सोरेन( जंतु विभाग )ने निभाया कार्यक्रम का कुशल मंच संचालन डॉ संगीता शर्मा ( जंतु विभाग) ने किया। पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा सोमवार के सेमिनार में की जाएगी।

जैव विविधता क्या है?
जैव विविधता शब्द, जिसे 1988 में अमेरिकी कीट विज्ञानी एडवर्ड ओ. विल्सन ने बनाया था,बाद में आईएसपीआरए ने अपनाया था, पौधों, जानवरों, कवकों और सूक्ष्मजीवों की सभी प्रजातियों को और उनके बीच मौजूद पारिस्थितिक अंतःक्रियाओं को शामिल करता है।
यह पारिस्थितिकी तंत्र में प्रजातियों की संख्या से मापा जाता है, लेकिन प्रत्येक प्रजाति की आबादी में आनुवंशिक विविधता को देखकर और अंततः पारिस्थितिकी तंत्र के अलग-अलग वातावरणों में प्रजातियों के वितरण से भी मापा जाता है। पृथ्वी पर जीवन की समृद्धि को जैव विविधता कहा जा सकता है।
जैव विविधता क्यों महत्वपूर्ण है?
जैव विविधता महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पृथ्वी पर जीवन के स्वास्थ्य को मापने के लिए एक थर्मामीटर है। टिकाऊ पर्यावरण, जिसमें रहने वाले लोगों, चाहे वे पौधे, जानवर या मनुष्य हों, जीवन और समृद्धि देता है, अधिक समृद्ध और विविध होता है। ग्रह की सुरक्षा और पारिस्थितिकी तंत्र के कामकाज के लिए जैव विविधता अनिवार्य है। प्रत्येक जीवन रूप की एक विशिष्ट भूमिका होती है, जो पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता और लचीलेपन में सहायक होती है। उदाहरण के लिए, पौधे प्रकाश संश्लेषण और ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, मधुमक्खियों और अन्य कीड़ों को पौधों के निषेचन के लिए आवश्यक हैं, शिकारी की शाकाहारी आबादी को नियंत्रित करते हैं, आदि।
मानव भी जैव विविधता से कई लाभ उठाते हैं। पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य को संरक्षित करने से भोजन और अन्य महत्वपूर्ण संसाधनों तक पहुँच मिलती है, जैसे कि कुछ दवाओं के सक्रिय घटक। इसके अलावा, स्वस्थ और विविध पारिस्थितिकी तंत्र बाढ़ की रोकथाम, जलवायु विनियमन और वायु और जल शोधन में भी मदद करते हैं।
जैवविविधता को क्या ख़तरा हो सकता है?
दुर्भाग्य से, वनों की कटाई, प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग, आवास विनाश और प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन जैव विविधता को खतरा बना रहे हैं। यदि ये घटनाएँ अनियंत्रित रहती हैं, तो पूरे पारिस्थितिकी तंत्र और जीवों की विविधता को खतरा हो सकता है। इसलिए जैव विविधता का संरक्षण हमारे ग्रह का भविष्य और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए अच्छे अभ्यास
जैव विविधता को बचाने के लिए कई उपाय हैं। ये निम्नलिखित हैं
नए संरक्षित क्षेत्रों का निर्माण और मौजूदा संरक्षित क्षेत्रों का संरक्षण; राष्ट्रीय और राज्य पार्क वन कटाई और आवास क्षरण का मुकाबला करना। वातावरण, जल और मृदा प्रदूषण का मुकाबला करना। कीटनाशकों और अन्य हानिकारक पदार्थों का उपयोग कम करके पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना। गहन मछली पकड़ने का विरोध करना और प्राकृतिक संसाधनों, जैसे पानी और लकड़ी के लिए टिकाऊ प्रबंधन को बढ़ावा देना