भोक्ता पीठ में कील चुभोकर 50 फीट ऊपर खूंटे से लटककर भगवान की आराधना करते हैं

भोक्ता पीठ में कील चुभोकर 50 फीट ऊपर खूंटे से लटककर भगवान की आराधना करते हैं
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भोक्ता पीठ में कील चुभोकर 50 फीट ऊपर खूंटे से लटककर भगवान की आराधना करते हैं

आस्था का अनोखा रूप (कांड्रा बस्ती)
दशकों से चली आ रही परंपरा, बारिश के बावजूद भी श्री श्री सार्वजनिक चड़क पूजा कमिटी मध्यबस्ती द्वारा आयोजित भोक्ता झूलन पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस अवसर पर कांड्रा शिव मंदिर में भोक्ता झूलन देखने के लिए बहुत सारे श्रद्धालु जुटे हुए थे।

लगभग एक दर्जन शिवभक्तों ने 50 फीट ऊंचे खूंटे पर डंडे के सहारे चारों तरफ घूमकर भगवान को प्रसन्न किया। उससे पहले, सभी ने एक छोटे से तालाब में स्नान कर एक दिन उपवास किया। दंडवत करते हुए मंदिर पहुंचे। रात में कमिटी ने झूमर सम्राट रेबती महतो का झूमर कार्यक्रम भी आयोजित किया। पश्चिम बंगाल की झूमर सम्राट रेबती महतो ने कई झूमर गाने गाकर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।

भोक्ता पीठ में कील चुभोकर 50 फीट ऊपर खूंटे से लटककर भगवान की आराधना करते हैं
भोक्ता पीठ में कील चुभोकर 50 फीट ऊपर खूंटे से लटककर भगवान की आराधना करते हैं

1930 से हो रहा भोक्ता झूलन का आयोजन:

बता दें कि श्री श्री सार्वजनिक चड़क पूजा कमिटी मध्यबस्ती कांड्रा भोक्ता झूलन पर्व 1930 से कमिटी द्वारा की जा रही है, जो 95 साल से भोक्ता झूलन पर्व मानते आ रहे हैं।

92 सालों से लकड़ी का खूंटा जस का तस:

कांड्रा बस्ती में वर्षों पहले सन् 1931 में चड़क पूजा के लिए पूर्वजों ने 50 फीट ऊंचा लकड़ी का खूंटा गाड़ा बनाया था, जो आज भी ठीक है। दशकों में इस लकड़ी के खूंटे में कोई बदलाव नहीं देखा गया है। लोग इसे भगवान शिव का चमत्कार मानते हैं। चड़क पूजा में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त पीठ पर कील से छेद करते हैं। फिर, उन कीलों को खूंटे में बांधकर 50 फीट ऊपर हवा में घूमते हुए आराधना करते हैं। 95 साल से हर साल होने वाली इस पूजा में आज तक कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है।

जो लोगों को भगवान का चमत्कार लगता है। भक्त को इतनी नुकीले कील से पीठ छिदवाने में कोई परेशानी नहीं होती। लोहे की कील होने के बावजूद पीठ पर कोई जख्म नहीं रहता।

भोक्ता पीठ में कील चुभोकर 50 फीट ऊपर खूंटे से लटककर भगवान की आराधना करते हैं
भोक्ता पीठ में कील चुभोकर 50 फीट ऊपर खूंटे से लटककर भगवान की आराधना करते हैं

मन्नत पूरी होने पर भी भोक्ता करवाते हैं रजनी फोड़ा:

कहा जाता है कि चड़क पूजा में भगवान शिव से मन्नत मांगने वाले लोगों को उनकी इच्छा पूरी होने पर रजनी फोड़ा करवाया जाता है। इन श्रद्धालुओं को भोक्ता भी कहते हैं। मंदिर में शिवलिंग के सामने नतमस्तक होकर पूजा करने के बाद, भक्त 50 फीट ऊपर खूंटे पर जाकर हवा में घूमते हैं। इस दिन गांव में जश्न का माहौल है। सुबह से ही लोग रजनीफोड़ा और भोक्ता को देखने के लिए जमा होते हैं।

भोक्ता पीठ में कील चुभोकर 50 फीट ऊपर खूंटे से लटककर भगवान की आराधना करते हैं
भोक्ता पीठ में कील चुभोकर 50 फीट ऊपर खूंटे से लटककर भगवान की आराधना करते हैं

इस अवसर पर कांड्रा थाना प्रभारी बिनोद कुमार मुर्मू, कांड्रा पंचायत के पूर्व मुखिया होनी सिंह मुंडा समेत कमिटी के अध्यक्ष सह समाजसेवी विजय महतो, प्रशिक्षित महतो, मनोज महतो, सतेंदर प्रसाद, सरोज महतो, संजय महतो, राम महतो, राजकिशोर महतो, गुरुपदो दत्ता, रासू दास, चन्दन मोदक, अनिल महतो, देवाशीष महतो, धनु राम महतो, विवेक महतो, नकुल महतो, सुधीर महतो, जेसिका महतो, कमल महतो, करती महतो, सुमित महतो, सौरव आचार्य, आशीष महतो, राकेश महतो, अमित महतो, सचिन महतो, राजू महतो, भीम महतो, केलवर महतो, अजीत महतो, शक्ति मोदक, सूरज महतो, चंदन महतो, विवेक महतो, धनु राम महतो, बीदु सरदार, पीटू दास उपस्थित थे।

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