प्रशासन की निशाब्धता, देश की रक्षा में कार्यरत सैनिक की जुगसलाई (बाग़बेडा)थाना में बर्बरता पूर्वक पिटाई और जेल भेजा गया

हमारा कर्तव्य बनता है कि हम अपने देश के सैनिक का साथ दें जैसे वे विषम परिस्थितियों में बिना भेदभाव हमारी रक्षा करते हैं। उनके अनुशासन और कर्तव्य निष्ठा को कौन नहीं जानता, लेकिन राज्य पुलिस आए दिन देश के वीर सैनिकों को किसी न किसी रूप में निशाना बनाते नजर आ रही है। कल दिनांक 14 मार्च 2025 को सेना में कार्यरत हवलदार सूरज राय अपने चचेरे भाई की झड़प विजय राय थाना में कार्यरत प्राइवेट ड्राइवर के साथ हुई झड़प के संदर्भ में थाने जाने पर पिटाई शुरू कर दी। सेना में कार्यरत होने की जानकारी देने के बाद पुलिस और उग्र होकर रात भर जवान की पिटाई की और जेल भेज दिया। साथ ही अब तक यह भी नहीं पता चला कि वह आर्मी जवान कैसा है। कहां है, उसके परिवार द्वारा जानकारी मांगने पर भी नहीं दी गई।

इसकी जानकारी पूर्व सैनिक सेवा परिषद को होने पर शहर के पूर्व सैनिक जुगसलाई थाना पहुंचे एवं इस केस की जानकारी मांगना चाही। मगर थाना प्रभारी ने अपना फोन बंद करके कोई जवाब नहीं दिया। सेना के अधिकारियों द्वारा सीनियर एसपी एवं एसपी महोदय को कॉल करने पर उन्होंने फोन नहीं उठाया। जुगसलाई थाना के द्वारा कार्यरत सैनिक के साथ किए गए बर्बरता पूर्वक व्यवहार से जमशेदपुर के पूर्व सैनिकों में काफी रोष है। जो हमेशा प्रशासन के साथ मिलकर जिले की हर आपदा एवं कल्याणकारी योजनाओं में कदम से कदम मिलाकर काम करते हैं और प्रशंसा के पात्र हैं। उन्होंने जुगसलाई थाना के द्वारा किए गए निंदनीय व्यवहार से छुब्ध हैं। जल्द ही शहर के सेना के ऑफिसर एवं जवान का एक प्रतिनिधिमंडल माननीय उपायुक्त महोदय से मिलकर इस घटना की जानकारी देगा एवं भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो, इसके लिए कोई ठोस कदम उठाने की मांग करेगा।

written by – Jyoti kumari

अगर किसी सैनिक की गलती है, तो इसकी जानकारी पुलिस को स्टेशन हेड क्वार्टर एवं स्थानीय आर्मी यूनिट को दी जानी चाहिए थी, मगर पुलिस ने आनन-फानन में पुलिसिया स्टाइल में केस करते हुए कार्यरत सैनिक को आज जेल भेज दिया। सैनिक एवं पूर्व सैनिक अनुशासन प्रिय होते हैं एवं किसी भी समस्या के समाधान का प्रयास करते रहते हैं। थाना में कार्यरत सैनिक द्वारा परिचय देने के बावजूद उसके साथ उग्र व्यवहार काफी निंदनीय है। पूर्व सैनिक सेवा परिषद इस घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग करता है एवं दोषी पाए गए पुलिस कर्मियों पर कानूनी कार्रवाई की मांग करता है।

प्रशासन में आपस में इस तरह का व्यवहार आचार संहिता का उल्लंघन को दर्शाता है, साथ ही एक प्रश्न चिन्ह भी लगाता है।

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