भाई दूज आज, तिलक,और विधि…

भाई दूज आज, तिलक, और विधि
हिंदू धर्म में भाई दूज बहुत महत्वपूर्ण है। यह भाई-बहन के बीच स्नेह को बढ़ाता है। फाल्गुन मास की द्वितीया को भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है।
बता दें आपको कि भाई-बहन के स्नेह का पर्व भाई दूज साल में दो बार मनाया जाता है। एक दिवाली के बाद और एक होली के बाद मनाया जाता है। चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है।

भाई दूज को भ्रातृ द्वितीया नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में भाई दूज का महत्व विशेष होता है। यह भाई-बहन के बीच स्नेह बंधन को मजबूत करता है। हर वर्ष फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की द्वितीया को भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। इस साल होली भाई दूज का पर्व 16 मार्च 2025 को है।
इस दिन बहनें भाई को तिलक लगाती हैं और उनके लंबी आयु की कामना करती हैं, बदले में भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन लेता है। जिस तरह दिवाली के बाद भाई दूज मनाकर भाई की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना की जाती है और उसे नर्क की यातनाओं से मुक्ति दिलाने के लिए उसका तिलक लगाया जाता है। उसी प्रकार होली के बाद भाई का तिलक करके होली भाई दूज मनाई जाती है, जिससे उसे सभी प्रकार के संकटों से बचाया जा सके। शास्त्रों के अनुसार होली के अगले दिन भाई को तिलक करने से उसे सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है और वह सुरक्षित रहता है।
तिलक शुभ मुहूर्त- इस दिन सुबह से लेकर शाम 4 बजकर 58 मिनट तक भाई को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त होगा जब भाई को तिलक लगाया जाएगा।
तिलक की विधि:
बहनें भाई को चौकी पर बैठाकर तिलक करें। भाई का मुख उत्तर-पश्चिम दिशा में ही होना चाहिए। इसके बाद भाई को कुमकुम से तिलक कर उस पर चावल लगाएं। भाई के हाथ में नारियल देकर भगवान से सुख, समृद्धि और दीर्घायु की कामना करें। तिलक करने के बाद भाई को कुछ मीठा शुद्ध भोजन कराएं।
सामग्री- रोली, अक्षत, फूल, सुपारी, पान का पत्ता, चांदी का सिक्का, सूखा नारियल, कलावा, केला, मिठाई और दीपक।
बहनों के घर भोजन करना शुभ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर भोजन करने गए थे। अपनी बहन से प्रसन्न होकर यमराज ने वरदान दिया कि चैत्र मास की द्वितीया तिथि को जो अपनी बहन के घर भोजन करेगा, हर तरह की पीड़ा से छुटकारा पाने के साथ ही अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाएगा। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भाई अपनी बहनों के घर जाता है और उनके साथ भोजन करता है। इससे अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।
आप सबको होली भाई दूज की हार्दिक शुभकामनाएँ।