मुकेश अंबानी  19 April

मुकेश अम्बानी और सरकार से बढ़ती नज़दीकियाँ
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मुकेश अंबानी  19 April

मुकेश अंबानी का जन्म 19 अप्रैल 1957 को यमन के अदन शहर में हुआ था। यानी की आज ही के दिन मुकेश अम्बानी का जन्मदिन है। 19 अप्रैल को जन्मे इस बिज़नेस टायकून की ज़िंदगी एक ऐसा सफर है जो सिर्फ़ पैसे की नहीं, बल्कि विजन, मेहनत और हौसले की मिसाल है। उनके पिता धीरूभाई अंबानी, उस समय वहाँ एक कंपनी में काम करते थे और वहीं से रिलायंस की नींव रखी गई। 1981 में मुकेश अंबानी ने रिलायंस जॉइन किया।

मुकेश अम्बानी और अनिल अम्बानी के बीच हुआ पारिवारिक विवाद

मुकेश अम्बानी और अनिल अम्बानी
मुकेश अम्बानी और अनिल अम्बानी- Sonal singh

मुकेश अंबानी का नाम आते ही रईसी, बिज़नेस साम्राज्य और आलीशान जिंदगी का ख्याल आता है। लेकिन इस चमक-दमक के पीछे एक ऐसा पारिवारिक विवाद छिपा है जिसने पूरे देश को चौंका दिया था। 2002 में जब उनके पिता धीरूभाई अंबानी का निधन हुआ, तो रिलायंस इंडस्ट्रीज़ की कमान संभालने को लेकर मुकेश और उनके छोटे भाई अनिल अंबानी के बीच मतभेद सामने आने लगे। धीरूभाई ने कोई वसीयत नहीं छोड़ी थी। नतीजा ये हुआ कि रिलायंस की कमान किसके पास होगी, इसको लेकर विवाद शुरू हो गया। 2004-2005 में ये मतभेद इतने बढ़ गए कि मामला मीडिया और अदालत तक पहुँच गया।

मुकेश अम्बानी और सरकार से बढ़ती नज़दीकियाँ
मुकेश अम्बानी और सरकार से बढ़ती नज़दीकियाँ-Sonal singh

आखिरकार, माँ कोकिलाबेन अंबानी के हस्तक्षेप से 2005 में समझौता हुआ, जिसमें रिलायंस को दो हिस्सों में बाँट दिया गया –
रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड मुकेश अम्बानी के पास गई, जबकि रिलायंस कम्युनिकेशन्स, पावर, और एनर्जी का कारोबार अनिल अम्बानी को मिला। लेकिन आज जब अनिल अंबानी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, और मुकेश अंबानी एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं – ये पारिवारिक विवाद एक अलग ही रंग दिखाता है।

2006 में अनिल अंबानी की कंपनी RNRL और मुकेश अम्बानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के बीच केजी बेसिन में निकाली गई गैस की कीमत को लेकर विवाद हुआ। अनिल अम्बानी का दावा था कि मुकेश अम्बानी ने उन्हें वादा किया था कि गैस सस्ती दरों पर मिलेगी। लेकिन बाद में मुकेश अम्बानि ने मार्केट रेट पर गैस देने की बात की। मामला कोर्ट तक गया। सुप्रीम कोर्ट ने 2010 में फैसला दिया कि नेचुरल गैस एक राष्ट्रीय संपत्ति है, और इसकी कीमत सरकार तय करेगी, न कि मुकेश अम्बानी और अनिल अम्बानी।

Z+ सिक्योरिटी पर उठे सवाल

मुकेश अम्बानी को मिली Z+ सिक्योरिटी
मुकेश अम्बानी को मिली Z+ सिक्योरिटी-Sonal singh

2013 में मुकेश अंबानी को Z+ सिक्योरिटी दी गई। क्या एक उद्योगपति को, जो पहले से ही अपनी प्राइवेट सिक्योरिटी रख सकता है, सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल करना चाहिए? एक बिज़नेस टायकून को इस सुरक्षा देने पर जमकर विवाद हुआ। Z+ सिक्योरिटी भारत की सबसे ऊँची श्रेणी की सुरक्षा होती है, जो आमतौर पर आतंकवाद के ख़तरे वाले नेताओं और जजों को मिलती है। सरकार का तर्क था कि अंबानी को आतंकी संगठनों से खतरा है।

मुकेश अंबानी की सरकारों से नज़दीकियाँ भी हमेशा विवादों में रही हैं। कई बार उन पर आरोप लगा है कि उन्होंने अपने कारोबारी हितों को साधने के लिए सरकार से नज़दीकियाँ बढ़ाईं।

Jio की एंट्री से मुकेश अम्बानी पर उठे सवाल

टेलीकॉम सेक्टर में Jio की एंट्री
टेलीकॉम सेक्टर में Jio की एंट्री-Sonal singh

2016 में जब Jio टेलीकॉम सेक्टर में आया, तो पूरे बाजार को हिला दिया। जियो ने सस्ते डाटा प्लान्स देकर दूसरी कंपनियों को धूल चटा दी – एयरसेल बंद हो गई, टाटा डोकोमो गायब हो गया, और वोडाफोन-आइडिया भी संघर्ष में आ गया। लोगों को लगा कि उपभोक्ताओं को फायदा हो रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का मन्ना था की ये डम्पिंग है। आरोप लगे कि रिलायंस ने कम कीमतों पर लंबे समय तक सेवा दी ताकि बाकी कंपनियाँ टिक न सकें। जब प्रतियोगिता खत्म हो गई, तब प्लान्स की कीमतें धीरे-धीरे बढ़ने लगीं। जिससे कुछ आलोचकों ने कहा की ये मोनोपॉली बनाने की चाल थी।

2021 में एक बड़ा धमाका तब हुआ जब मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर एक स्कॉर्पियो गाड़ी मिली, जिसमें विस्फोटक रखे हुए थे। गाड़ी में जिलेटिन की छड़ें थीं और एक धमकी भरा खत भी। जाँच के बाद ये मामला और उलझ गया जब मुंबई पुलिस के एक अधिकारी सचिन वाझे का नाम इसमें आया। इस केस ने महाराष्ट्र की राजनीति, मुंबई पुलिस और कारोबारी दुनिया – तीनों को हिलाकर रख दिया। इस घटना ने मुकेश अंबानी की सुरक्षा, राजनीति और पुलिस महकमे के अंदर चल रहे खेल को उजागर कर दिया। एक तरफ़ मुकेश अंबानी देश की आर्थिक ताकत का प्रतीक हैं, तो दूसरी तरफ़ उन पर कई गंभीर सवाल उठते रहे हैं।

2020 में, कोविड के समय मुकेश अंबानी ने अपने जन्मदिन पर करोड़ों रुपये दान दिए और मुफ्त ऑक्सीजन और मेडिकल सपोर्ट मुहैया कराया। उनका मानना है कि जन्मदिन खर्च का दिन नहीं, बल्कि सेवा का दिन होना चाहिए। हर साल 19 अप्रैल को मुकेश अंबानी के जन्मदिन पर न सिर्फ़ रिलायंस बल्कि पूरे बिज़नेस जगत में जश्न का माहौल होता है।

आज के दौर में जब युवा सिर्फ़ शॉर्टकट्स की ओर देख रहे हैं, मुकेश अंबानी की कहानी एक दीर्घकालिक सोच, अनुशासन, और साहसिक निर्णय का उदाहरण है।

आज उनके जन्मदिन पर हम यही प्रार्थना करते हैं कि मुकेश अम्बानी हमेशा स्वस्थ, खुशहाल और ऊर्जावान रहें।

धन्यवाद

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