विश्व पुस्तक दिवस और शेक्सपियर जयंती के अवसर पर जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज में कार्यक्रम का आयोजन 23 April

विश्व पुस्तक दिवस और शेक्सपियर जयंती के अवसर पर जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज में कार्यक्रम का आयोजन 23 April
23 जनवरी 2025 को जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज, जमशेदपुर के अंग्रेजी एवं हिंदी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में विश्व पुस्तक दिवस एवं शेक्सपियर जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अमर सिंह ने की। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने पुस्तक पठन की अनिवार्यता पर बात करते हुए विद्यार्थियों को किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित किया एवं शेक्सपियर के नाटकों की प्रशंसा करते हुए उन्हें अद्वितीय बताया। आई. क्यू. ए. सी. कॉर्डिनेटर डॉ. नीता सिन्हा ने पुस्तक पठन-पाठन के लिए वातावरण तैयार करने पर बल दिया।

अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. अंतरा कुमारी ने शेक्सपियर के नाटकों पर अपना विचार साझा किया। वाणिज्य विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार रवानी ने अपना निजी अनुभव साझा करते हुए किताबों की महत्ता को रेखांकित किया। हिंदी विभाग की डॉ. प्रियंका सिंह ने सफदर हाशमी की कविता ‘किताबें’ का पाठ करते हुए समाज निर्माण में किताबों की भूमिका पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन अंग्रेजी विभाग की डॉ. रुचिका तिवारी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन हिंदी विभाग की श्रीमती सबिता पॉल ने दिया।

इस दौरान विद्यार्थियों में अंग्रेजी विभाग से शिवांगी गोराई, मीनाक्षी कुमारी, पल्लवी शुक्ला एवं हिंदी विभाग से संजय सोलोमन ने भी अपनी बात रखी। कार्यक्रम में डॉ. नीता सिन्हा, डॉ. स्वाति सोरेन, डॉ. प्रभात कुमार, डॉ. दुर्गा तोमसे, डॉ. रवि शंकर, डॉ. रविजय, डॉ. अनुपम, डॉ. पुष्पा तिवारी, शोभा देवी, रमेश कुमार समेत अन्य शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
विश्व पुस्तक दिवस 23 अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है
वर्तमान में पुस्तकों की जगह कंप्यूटर और इंटरनेट ने ले ली है। आज युवा लोगों को किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया जाता है। आइए जानते हैं। हमारे जीवन से बहुत जुड़ा हुआ है। इनकी यात्रा हमारे साथ बचपन से शुरू होती है और हर समय हमें कुछ नया सिखाती रहती हैं। वर्तमान में पुस्तकों की जगह कंप्यूटर और इंटरनेट ने ले ली है।
इसलिए इनका उपयोग अब कम हो गया है। 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस मनाया जाता है, जिससे लोगों को किताबों के प्रति प्यार जगाना और उनके महत्व को समझाया जाता है। आजकल, किताबों के प्रति जागरूक करने के लिए दुनिया भर में कई कार्यक्रम होते हैं। लेकिन क्या आपको पता है 23 अप्रैल को ही विश्व पुस्तक दिवस क्यों मनाया जाता है?
World Book Day 2025: हम जानते हैं कि 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस क्यों मनाया जाता है और बदलते समय में पुस्तकों की जगह कंप्यूटर और इंटरनेट ने क्यों ले ली है। आज युवा लोगों को किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया जाता है। आइए जानते हैं।
World Book 2025: पुस्तकें हमारे जीवन से बहुत जुड़ी हैं। इनकी यात्रा हमारे साथ बचपन से शुरू होती है और हर समय हमें कुछ नया सिखाती रहती हैं। वर्तमान में पुस्तकों की जगह कंप्यूटर और इंटरनेट ने ले ली है। इसलिए इनका उपयोग अब कम हो गया है। 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस मनाया जाता है, जिससे लोगों को किताबों के प्रति प्यार जगाना और उनके महत्व को समझाया जाता है। आजकल, किताबों के प्रति जागरूक करने के लिए दुनिया भर में कई कार्यक्रम होते हैं। लेकिन क्या आपको पता है 23 अप्रैल को ही विश्व पुस्तक दिवस क्यों मनाया जाता है?
पुस्तक दिवस की ऐसे हुई शुरुआत
23 अप्रैल को यूनेस्को ने किताबों का महत्व लोगों को बताने के लिए विश्व पुस्तक दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था। सन् 1922 में, सर्वेंट्स पब्लिशिंग हाउस के निर्देशक विसेंट क्लेवेल ने इसकी शुरुआत की। उसने मिगुएल डे सर्वेंट्स को सम्मानित करने के लिए इस दिन को मनाने की शुरुआत की। 1926 में पहला विश्व पुस्तक दिवस बार्सिलोना में मनाया गया था।
पुस्तक दिवस पहले 7 अक्टूबर को मनाया गया था क्योंकि मिगुएल डे सर्वेंट्स का जन्मदिन था। लेकिन बाद में मिगुएल डे सर्वेंट्स की मृत्यु का दिन 23 अप्रैल को इस दिन को मनाने का निर्णय लिया गया। 23 अप्रैल को 1995 में यूनाइटेड नेशंस एजुकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन (यूनेस्को) ने विश्व पुस्तक दिवस घोषित किया था।