पहलगाम की घटना से पूर्व सैनिकों में आक्रोश, सेना से सख्त करवाई की मांग 23 April

पहलगाम की घटना से पूर्व सैनिकों में आक्रोश, सेना से सख्त करवाई की मांग 23 April
पूर्व सैनिक सेवा परिषद पूर्वी सिंहभूम के पदाधिकारियों को सोशल मीडिया के माध्यम से जैसे ही पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा निर्दोष पर्यटकों की धर्म पूछकर की गई हत्या की जानकारी मिली, पूरे संगठन में आक्रोश का माहौल कायम हो गया। सम्मानित सदस्यों ने अपने-अपने तरीके से भारत सरकार से यह मांग करने लगे कि अब अपने ही देश में इस तरह की घटना होने पर आर-पार की लड़ाई होनी चाहिए।

इजरायल अपने लोगों की सुरक्षा के लिए किसी दूसरे देश पर हमला करने से कभी नहीं चूकता, चाहे सामने वाला देश कोई भी हो। ऐसे अधर्मी पापी आतंकवादियों को मार डालना बहुत जरूरी हो गया है, जो दिन-प्रतिदिन छुप-छुप कर हमला करते हैं। लौहनगरी के पूर्व सैनिकों ने आज सिविल समाज के साथ गोलमुरी वॉर मेमोरियल से आकाशदीप प्लाजा गोल चक्कर तक एक आक्रोश रैली में पुतला दहन करके अपना विरोध व्यक्त किया। इस घटना में मारे गए पर्यटकों की आत्माओं को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन धारण किया गया।

इस घटना में सिर्फ 28 नागरिक नहीं मारे गए, बल्कि सैकड़ों परिवार के सदस्यों की आत्माएं अपने परिजनों को खोकर जीते जी मर गईं। ऐसे हालात में जमशेदपुर के पूर्व सैनिकों और आम लोगों ने भारतीय सरकार से मांग की है कि इस घटना में शामिल संस्थाओं और उनके बुजदिल पापियों को जड़ से नष्ट कर दिया जाए, जिससे ऐसी घटना भविष्य में कभी नहीं होगी। आज का कार्यक्रम मुस्कान लाने की संस्था के संस्थापक शिवशंकर सिंह के आवाह्न पर किया गया था, जिसमें राष्ट्र चेतन के राजीव जी, सुभाष जी भी शामिल हुए।

जिसमें मुख्य रूप से सुशील कुमार सिंह, राजीव रंजन, दिनेश सिंह, हंसराज सिंह, महेश प्रसाद कुमार, रवि, उत्पल सिंह, रमाशंकर काम, बाबू अर्जित विश्वास, संजय पाठक, सत्येंद्र तिवारी, कन्हैया कुमार, कुंदन सिंह, अशोक कुमार श्रीवास्तव, रजत दे, सुरेंद्र प्रसाद मौर्य, संतोष कुमार सिंह, संतोष दीपक आदि सैकड़ों पूर्व सैनिक एवं सिविल समाज के जिम्मेदार नागरिक शामिल हुए।

आपको बता दें कि
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दिल दहला देने वाले आतंकी हमले के बाद बहुत से परेशान करने वाले संदेश आ रहे हैं। इस हमले में 26 लोग मर गए हैं और 20 से अधिक घायल हो गए हैं, सूत्रों के अनुसार। हमले के प्रत्यक्षदर्शियों ने आजतक से बातचीत में जो कुछ कहा है, वह बहुत भयानक और परेशान करने वाला है।
हिंदुओं को बनाया निशाना
उन्होंने कहा कि आतंकियों ने हिंदुओं को लक्ष्य बनाते हुए गोलीबारी की। उन्हें कलमा पढ़ने को भी कहा गया और फिर गोली चला दी। यह घटना पहलगाम में हुई, जो पर्यटकों की पसंदीदा जगहों में से एक है, मिनी स्विट्जरलैंड। यहां खुला पहाड़ी मैदान और सुंदर घाटी का नजारा है, लेकिन मंगलवार को हिंसा हुई।
पुलिस की वर्दी में थे आतंकी
महाराष्ट्र के पुणे से पहलगाम घूमने आई आसावरी ने आजतक से कहा कि, ‘आतंकी लोकल पुलिस की वर्दी में थे और मास्क भी पहने हुए थे। उनका कहना था कि हमलावरों ने सिर्फ पुरुषों को निशाना बनाया और खास तौर पर हिंदुओं से जबरन कलमा पढ़वाने की कोशिश की।
पापा-चाचा को मारी गोली, कलमा पढ़ने को कहा
मेरे पिता को तीन गोलियां मेरे सामने मारी गईं। मेरे चाचा भी गोली खा गए। हम टेंट के पीछे छुप गए। हम स्थानीय लोगों को देखकर डर गए, हमने भी कलमा पढ़ा और वहाँ से भागकर घोड़ों से भागकर बच गए। आतंकियों ने मुंबई की 26/11 की तरह हमला किया।
‘हमारा मजहब खतरे में…’
पीड़ित ने कहा, “आतंकियों ने हमें ‘मोदी जी के नाम पर धमकाया और कहा कि ‘तुम लोगों ने मोदी को सिर पर चढ़ा रखा है, उसकी वजह से हमारा मजहब खतरे में है।” घटनास्थल पर पाँच सौ से अधिक लोग उपस्थित थे। घटना के बाद लोगों को सेना ने बचाया और अस्पताल भेजा। हम सुरक्षित नीचे आ सके क्योंकि कुछ स्थानीय लोगों ने भी मदद की। इसके बावजूद, अभी तक उनके पिता और चाचा की हालत के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।
हमले में एक नवविवाहित जोड़े को भी निशाना बनाया गया, जैसा कि प्रत्यक्षदर्शी ने बताया। “मैंने एक शादीशुदा महिला को देखा, जिसके पति को गोली मार दी गई,” उन्होंने कहा। वहाँ एक छोटी बच्ची भी थी।
यह आक्रोश रैली अखिल भारतीय पूर्व सेना सेवा परिषद झारखण्ड प्रदेश, कोशिश एक मुस्कान, राष्ट्रीय चेतना, अभ्युदय सहित कई संगठनों के दौरान व्यक्त किया गया था।