हनुमान जयंती का उत्साह बच्चों मे भी खूब दिखा 12 april

हनुमान जयंती का उत्साह बच्चों मे भी खूब दिखा 12 april
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हनुमान जयंती का उत्साह बच्चों मे भी खूब दिखा 12 april

हनुमान उत्सव की धूम बड़े में विभिन्न अखाड़ा समितियों द्वारा मनाया गया,हनुमान जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर बागबेड़ा गाराबासा शीतला मंदिर में एकलव्य जमशेदपुर के द्वारा छोटे छोटे बच्चों के माध्यम से हनुमाना चालीसा, हनुमान अष्टक, बजरंग वान का पाठ और हनुमान जी की आरती की गई,

साथ ही बच्चों के द्वारा भी हनुमान जी में विशेष श्रद्धा ने लोगों का ध्यान खूब आकर्षित किया। यह दृश्य मन को भाव-विभोर कर देने वाला था।

बीते दिन हनुमान जन्मोत्सव पर बागबेड़ा गाराबासा शीतला मंदिर में छोटे-छोटे बच्चों ने हनुमान चालीसा, हनुमान अष्टक, बजरंग बाण का पाठ किया और हनुमान जी की आरती की। आरती के बाद सभी को प्रसाद और लड्डू दिए गए।

विकाश कुमार, सुजीत, देवेंद्र, अभिमन्यु और हमारे अभिभावक तथा शीतला मंदिर समिति से कन्हैया सिंह, आनंदी ओझा, लवकुश, महेश सिंह और मंदिर समिति के सदस्यों ने कार्यक्रम में भाग लिया।

हनुमान जयंती का उत्साह बच्चों मे भी खूब दिखा 12 april
हनुमान जयंती का उत्साह बच्चों मे भी खूब दिखा 12 april

हनुमान चालीसा पाठ के नियम:

1. हनुमान चालीसा पढ़ते समय शुद्धता और पवित्रता का खास ध्यान रखना चाहिए। पूजास्थल को अच्छी तरह से साफ करें।

2. हनुमान चालीसा पढ़ते समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। पूजास्थल को साफ करें।

3. हनुमान चालीसा को सुबह और शाम को ही करें या विशेष मुहूर्त में ही करें।

4. हनुमान चालीसा पढ़ते समय लाल रंग के फूल रखें।

5. हनुमान चालीसा पढ़ने से पहले दीपक जलाना चाहिए। दीपक में बाती भी लाल सूत (धागे) की होनी चाहिए। किसी भी स्थान पर पूजा करने से पहले एक दीप जरूर जलाएं। हनुमान पूजा के दौरान जला रहे दीपक में शुद्ध घी या चमेली का तेल होना चाहिए।

6. हनुमान चालीसा पढ़ने के बाद उन्हें गुड़ और चने का भोजन अवश्य दें। यदि आप चाहें तो केसरिया बूंदी, बेसन, चूरमा, मालपुआ या मलाई मिश्री भी खा सकते हैं।

7. यदि आप बजरंग बाण या सुंदरकाण्ड का पाठ कर रहे हैं, तो हनुमान चालीसा के नियमों को भी जान लें।

8. हनुमान चालीसा पाठ या पूजा करते समय सिर्फ एक वस्त्र पहनना चाहिए।

9. लकड़ी के पाठ पर लाल कपड़ा बिछाकर हनुमान मूर्ति या चित्र को स्थापित करें, फिर खुद कुश के आसन पर बैठकर चालीसा का पाठ या पूजा करें।

10. हनुमान चालीसा पढ़ना चाहिए। यदि आप सौ बार नहीं कर सकते, तो दसवीं बार करें। अगर 11 बार नहीं हो तो 9 बार करें। अगर आप नौ बार नहीं कर सकते, तो सात बार करें। सात बार नहीं कर सकते तो पांच बार करें, पांच बार नहीं कर सकते तो तीन बार करें, और तीन बार भी नहीं कर सकते तो एक बार हर दिन करें।

हनुमान चालीसा पढ़ने के लाभ:

1. आत्मबल: कहते हैं कि आत्मबल ही शारीरिक बल है, जिससे हम बीमारी से लड़ सकते हैं। हर दिन हनुमान चालीसा पढ़ने से मन और मस्तिष्क को आध्यात्मिक बल मिलता है। दैनिक रूप से हनुमान चालीसा पढ़ना आपकी स्मरण शक्ति और बुद्धि को बढ़ाता है क्योंकि हनुमान जी को बल, बुद्धि और विद्या का दाता बताया गया है।

2. हनुमान चालीसा मनोबल बढ़ाती है: नियमित रूप से हनुमान चालीसा पढ़ने से पवित्रता का भाव विकसित होता है और हमारा मनोबल बढ़ता है। उल्लेखनीय है कि लोगों को निराश करने वाले अंधेरे से बाहर निकालने और मनोबल बढ़ाने के लिए सिर्फ कर्फ्यू के दौरान घंटी या ताली बजाना या लॉकडाउन के दौरान दीप जलाना था। ऊंची मानसिकता होगी तो हर मुसीबत दूर होगी। हनुमान चालीसा में एक पंक्ति है: “अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता, असवर दिन जानकी माता।”

3. अकारण भय और तनाव कम होता है: हनुमान चालीसा में एक पंक्ति है: “महावीर का नाम सुनते ही भूत-पिशाच निकट नहीं आते।” या “तुम्हारी सरना सब सुख लहै, तुम रक्षक को डरना।” मन में अकारण भय होने पर यह चौपाई समाप्त होती है। हनुमान चालीसा पढ़ना तनाव और भय से छुटकारा पाने में बहुत प्रभावी है।

4. हर तरह की बीमारी दूर होती है: हनुमान चालीसा में एक पंक्ति है: “नासै रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा।” बलबुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार। यही कारण है कि आप किसी भी रोग से पीड़ित होकर हनुमान जी का जाप करते रहें। हनुमान जी आपके दुःख का सामना करेंगे। वह व्यस्त हो जाएगा, चाहे कैसा भी हो। विश्वास और श्रद्धा की शक्ति है। अर्थात दवा के साथ दुआ भी करें। हनुमान जी की कृपा से शरीर की सभी पीड़ाओं से छुटकारा मिलेगा।

5. हर तरह का संकट दूर होता है: यदि आपको कोई शारीरिक, मानसिक या आत्मिक संकट आया हो, तो इस शेर को पढ़ें: “संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।” या “हनुमान संकट से बचाऊँगा, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।” यह आपको नए उत्साह से भर देगा।

6. बंधनमुक्त होने का उपाय: कहते हैं कि हर दिन हनुमान चालीसा 100 बार पढ़ने से आप सभी बंधनों से मुक्त हो जाते हैं। वह बंधन भले ही दुःख या बीमारी का हो। हनुमान चालीसा में कहा गया है कि हर बार पाठ करने वाले को बड़ा सुख मिलता है। सत का मतलब सौ है।

7. नकारात्मक प्रभावों को दूर किया जाता है: मान्यता है कि निरंतर हनुमान चालीसा पढ़ने से नकारात्मक ऊर्जा हमारे घर, मन और शरीर से बाहर निकल जाती है। जीवन भर सकारात्मक रहना चाहिए। सकारात्मक ऊर्जा दीर्घजीवी बनाता है।

8. ग्रहों का प्रभाव कम होता है: ज्योतिषियों का कहना है कि प्रत्येक ग्रह का शरीर पर अलग-अलग प्रभाव होता है। उस ग्रह पर बुरा प्रभाव डालने से रोग पैदा होते हैं। जैसे सूर्य से धड़कन कम या अधिक होना, शरीर अकड़ जाना, शनि से फेफड़े सिकुड़ना, सांस लेने में कठिनाई होना, चंद्र से मानसिक रोग आदि। इसी तरह सभी ग्रह रोग पैदा करते हैं। ग्रहों के बुरे प्रभाव से छुटकारा पाने के लिए पवित्र रहना और हनुमान चालीसा नियमित रूप से पढ़ना चाहिए।

9. घर की परेशानी दूर होती है: यदि परिवार में कोई कलह है, तो कुछ समय बाद परिवार के सदस्य तनाव में रहने लगेंगे और धीरे-धीरे शारीरिक और मानसिक बीमार हो जाएंगे। मन को शांत करने के लिए नित्य हनुमान चालीसा पढ़ें। घर में कलह मिटता है और खुशी का वातावरण बनता है।

10. बुराई को दूर करने वाली हनुमान चालीसा: यदि आप हर दिन हनुमान चालीसा पढ़ते हैं, तो आप हर तरह की बुराइयों से दूर हो जाएंगे। जैसे कुसंगत में रहकर नशा करना, पराई स्त्री पर नजर रखना और क्रोध, मोह, लोभ, ईर्ष्या, मद, काम जैसे मानसिक विकार का पालन करना। विभिन्न बुराइयों से दूर रहने से व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक सेहत धीरे-धीरे सुधरने लगती है।

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