बिहार के भ्रष्ट अफसरों के यहां ED की रेड, 11 करोड़ कैश मिले

बिहार के भ्रष्ट अफसरों के यहां ED की रेड, 11 करोड़ कैश मिले
आजकल बिहार का वातावरण पूरी तरह से अलग है, कहीं गोली चल रही है तो कहीं नोट गिर रहे हैं। ये परिस्थितियां आम लोगों के मन पर किस प्रकार प्रभावित होती हैं, यह पता लगाना बहुत मुश्किल हो गया है। अब पढ़े-लिखे लोगों देश की मदद करने के लिए इंजीनियर, डॉक्टर या आईएएस नहीं बनते, उन्हें ये डिग्री नोट छापने के लिए चाहिए, अभी के हालात कुछ यही बता रहे हैं। बहुत दुःख होता है और शर्म आती है भ्रष्ट लोगों के बारे में जानकर, लेकिन आम जनता खामोश ही रह सकती है।
विस्तार से

गुरुवार को, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने टेंडर घोटाले के मामले में भ्रष्ट अधिकारियों के यहां छापा मारा। शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सात भ्रष्ट अधिकारियों के स्थानों पर छापेमारी पूरी की। ईडी ने अपनी कार्रवाई में 11.65 करोड़ रुपये की नकदी सहित संपत्ति से जुड़े कागजात और आपत्तिजनक डिजिटल साक्ष्य बरामद किए हैं।
नुकसान शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिहार के सात भ्रष्ट अधिकारियों के स्थानों पर छापा मारा।
ईडी ने अपनी कार्रवाई में 11.65 करोड़ रुपये की नकदी, संपत्ति से जुड़े दस्तावेज, आपत्तिजनक कागज और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए हैं।
प्रवर्तन निदेशालय मिले साक्ष्यों की जांच के बाद आगे की कार्रवाई करेगा। सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में बिहार के कुछ और अधिकारियों की यहां उपस्थिति हो सकती है।
आईएएस संजीव हंस प्रकरण में मारे गए थे छापे
भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी के हत्थे चढ़े भारतीय सेवा के अधिकारी संजीव हंस से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने पटना में बिहार सरकार के कई अधिकारियों के यहां छापे मारे थे।
गुरुवार को ईडी ने भवन निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर तारिणी दास, वित्त विभाग के संयुक्त सचिव मुमुक्षु चौधरी और नगर विकास एवं आवास विभाग के कार्यपालक अभियंता उमेश कुमार सिंह को यहां नियुक्त किया।
वहीं, शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम के उप प्रोजेक्ट निदेशक एयाज अहमद, सागर जायसवाल, डीजीएम (प्रोजेक्ट), डीजीएम विकास झा बिहार स्वास्थ्य सेवाएं आधारभूत संरचना निगम और साकेत कुमार कार्यपालक अभियंता भवन निर्माण विभाग प्रमुख।
कैश को तीन ट्रंक में छिपाया गया था
ईडी सूत्रों ने बताया कि निदेशालय की जांच टीम को गुरुवार को काम शुरू करने के साथ ही पैसे मिलने लगे। एक अधिकारी ने तीन-तीन ट्रंक में छिपाकर रखे गए नोट हाथ में पकड़ लिए।
जिन अधिकारियों-इंजीनियरों पर कार्रवाई की गई है, उन पर आरोप लगाया गया है कि वे निर्माण कार्यों से जुड़े टेंडर में घपले किए गए कार्यों को पूरा करने के बाद भुगतान के एवज में रिश्वत लिया गया था। इस मामले में ठेकेदार रिशु श्री का नाम भी सामने आया है।
छापेमारी में 11.65 करोड़ रुपये कैश बरामद
प्रवर्तन निदेशालय ने 24 घंटे के दौरान विभिन्न अधिकारियों से 11.65 करोड़ रुपये बरामद किए हैं। इसके अलावा, बहुत से डिजिटल उपकरण, बैंक पासबुक, जमीन और संपत्ति में निवेश के कागजात, रिश्वत लेने-देन से जुड़े दस्तावेज और कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं।
बरामद किए गए दस्तावेजों की जांच शुरू हो गई है। ईडी उनका अध्ययन पूरा करेगा। सूत्रों का कहना है कि भ्रष्टाचार के मामले में अभी कई और नाम सामने आने वाले हैं।
रिशु श्री के सीधे संपर्क में बड़े भ्रष्ट अधिकारी
भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा यहां मारे गए छापे में प्रवर्तन निदेशालय को पटना के एक बड़े ठेकेदार रिशु श्री के बारे में कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। सूत्रों के अनुसार, विभिन्न विभागों में पदस्थ कई वरिष्ठ अधिकारी रिशु श्री से संपर्क में थे।
यह ठेकेदार किसी भी अधिकारी को सीधे अपनी फोन लाइन पर ले सकता है जब चाहे। ईडी को उम्मीद है कि इस ठेकेदार से भ्रष्ट अधिकारियों के बारे में बहुत कुछ पता चलेगा।