आज है नवरात्रि का तीसरा दिन ,

आज है नवरात्रि का तीसरा दिन ,
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आज है नवरात्रि का तीसरा दिन ,

आज माँ के जीन स्वरूप की पूजा की जाती है , उनका नाम है माँ चंद्रघंटा, देवी भागवत पुराण के अनुसार , माँ चंद्रघंटा का रूप अत्यंत शांत , सौम्य और ममतामयी है , माँ चंद्रघंटा को अक्सर लाल वस्त्रों में चित्रित किया जाता है , वे सिंह पर सवार रहती हैं और अपनी दस भुजाओं में कमल , धनुष , वाण, खड्ग , कमंडल , तलवार , त्रिशूल , और गदा धारण करतीं हैं । साथ ही उनके मस्तक पर अर्धचंद्र के साथ रत्नजड़ित मुकुट रहता है । माँ चंद्रघंटा का शरीर स्वर्ण के समान चमकीला होता है, उनके गले में श्वेत की पुष्प माला होती है , वे युद्ध की मुद्रा में विराजमान रहती हैं।

आज है नवरात्रि का तीसरा दिन ,
आज है नवरात्रि का तीसरा दिन ,- Priyanka singh

माता चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्तों को सुख , समृद्धि , और शांति मिलती है । माँ चंद्रघंटा के हाथों में जो अस्त्र शस्त्र होते हैं, वो दर्शाता है की माता सदैव अपने भक्तों को सभी कष्ट से दूर करने के लिए सदेव तैयार रहतीं हैं।नवरात्रि के तीसरे दिन आपको ब्राउन या ग्रे कलर के वस्त्र पहनने चाहिए यह शुभ माना जाता है क्यूंकि , यह शांति और स्थिरता की प्रतीक देवी माँ चंद्रघंटा के रूप से प्रेरित है , यह दोनों रंग प्रकृति से जुड़े हैं , जहाँ धरती का रंग भूरा है वहीं ग्रे रंग बदल और धूल का प्रतीक है ।

इतिहास —
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माँ चंद्रघंटा , देवी पार्वती कीं विवाहित रूप है , जिन्होंने भगवान शिव से विवाह करने के बाद अपने मस्तक पर अर्धचंद्र धारण किया था , जब धरती पर असुरों का आतंक बढ़ने लगा था , तब माँ दुर्गा ने चंद्रघंटा का अवतार लिया था। माँ चंद्रघंटा को त्रिमूर्ति से शक्ति भी मिली थी, भगवान शिव ने अपना त्रिशूल , श्री हरि जी ने अपना चक्र , सूर्या भगवान ने अपना तेज, तलवार , सिंह, और इंद्रदेव ने अपना घंटा माता को भेंट के रूप में दिया था ।

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