Easter 2025: ‘आज ईस्टर है, जानते हैं क्यों मनाया जाता है?

Easter 2025: ‘आज ईस्टर है, जानते हैं क्यों मनाया जाता है?
Happy Easter Sunday 2025: ईसाई धर्म मानने वाले लोग क्रिसमस के बाद ईस्टर के त्योहार का इंतजार करते हैं। इस दिन बहुत खुशी होती है। गुड फ्राइडे ईसा मसीह के बलिदान और त्याग का दिन है, जबकि ईस्टर ईसा मसीह के पुनर्जीवित होने का दिन है। ईस्टर, गुड फ्राइडे के बाद रविवार को मनाया जाता है।
गुड फ्राइडे 18 अप्रैल था, इसलिए ईस्टर का त्योहार 20 अप्रैल है। ईस्टर हर जगह एक अलग तरह से मनाया जाता है। ईस्टर पर कुछ लोग एक दूसरे को अंडे भेंट करते हैं। इस दिन लोग एक दूसरे को बधाई देने के लिए चर्च जाते हैं।

रविवार को प्रभु यीशु मसीह के पुनरुत्थान, यानी मृत्यु पर विजय पाने की खुशी में विभिन्न चर्चों में ईस्टर पर्व मनाया जाएगा। रविवार को चर्च में विशेष प्रार्थना सभा और गीत-भजन कार्यक्रम होंगे। ईसाई धर्म के लोग ईस्टर पर्व को बहुत उत्साह से मनाते हैं। शनिवार को ही ईस्टर का पर्व कुछ चर्चों में मनाया गया था। ईस्टर का पर्व दो शिफ्टों में मनाया जाएगा: लोदीपुर स्थित मेथोडिस्ट चर्च में सुबह 10 बजे से 12 बजे और बारी पथ स्थित बैपटिस्ट यूनियन चर्च में सुबह 9:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे। पहली शिफ्ट सुबह 7:30 बजे से 9:00 बजे तक चलती है, जबकि दूसरी शिफ्ट सुबह 9:30 बजे से 11:00 बजे तक चलती है।
चर्च में शनिवार की रात को ईस्टर बड़े धूमधाम से मनाया गया। चर्च के एक सदस्य सिसिल साह ने कहा कि ईस्टर प्रभु ईसा मसीह के पुनरुत्थान का पर्व है। गुड फ्राइडे था जब ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। वह तीन दिन बाद जीवित हो गया। ईस्टर पर्व इसे मनाते हैं। यह पर्व हमें सेवा, प्यार और समर्पण का पाठ पढ़ाता है। शनिवार की रात में लोगों ने चर्च में प्रार्थना की और ईस्टर पर्व मनाया।
पास्का जागरण की पूजा प्रभु ईसा मसीह के पुनरुत्थान की याद में की गई। ईस्टर पर्व पर पवित्र आग, जल और मोमबत्ती जीवित ईश्वर का प्रतीक हैं, जो हमें शैतान पर ईश्वर की जीत से नवजीवन और ईश्वरीय प्रकाश का संदेश देते हैं। इस प्रार्थना सभा में सिसिल साह, आलोक कुमार और मेरविन सेलेस्टिन भी उपस्थित थे।
मिस्सा बलिदान पूजा संपन्न, ईस्टर आज

शनिवार को पल्ली पुरोहित फादर ललित बाड़ा ने पादरी की हवेली स्थित महागिरिजाघर में कैंडल जलाकर समुदाय को आशीष दिया। मिस्सा बलिदान पूजा में बाइबिल और प्रभु के सात वचन पढ़े गए। डॉ. विक्टर अल्फोंस, पल्ली परिषद के महासचिव, बेसिल लकड़ा, अंजेलिना विक्टर, मिशनरी ऑफ चैरिटी व माता सदा सहायिका की धर्म बहनें, अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष एम्ब्रोज पैट्रिक, अभिषेक पैट्रिक, सहायक फादर प्रवीण लोवो और फादर प्रदीप सोरेंग ने कार्यक्रम में भाग लिया। रविवार को ईस्टर का त्योहार होगा। मिस्सा बलिदान के बाद, प्रभु के वचन और प्रार्थना के साथ अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
नई आशा के तौर पर मनाया जाता है ईस्टर
इस त्योहार को गुड फ्राइडे के बाद प्रभु यीशु मसीह के पुनरुत्थान के तौर पर मनाया जाता है। ईसाई धर्म के लोग जीवन में नई आशा के तौर पर इस त्योहार को मनाते हैं। मालूम हो कि यह ईसाई धर्म के लोगों के लिए क्रिसमस के बाद दूसरा सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार है। आज घरों और चर्चों में मोमबत्तियां जलायी जाती हैं। यह भी होता है कि लोग एक दूसरे को बधाई देते हैं। यही कारण है कि हमने आपके लिए कुछ बेहतरीन बधाई संदेशों को संकलित किया है जिन्हें आप अपने दोस्तों और परिवार को भेजकर खुश हो सकते हैं।
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