कोई भोजन या फर्नीचर लेकर भागा.. दिल्ली में बिजली-पानी कनेक्शन टूट गया, छह बुलडोजर आठ घंटे गरजे 6 may

दिल्ली में बिजली-पानी कनेक्शन टूट गया, छह बुलडोजर आठ घंटे गरजे
Spread the love

कोई भोजन या फर्नीचर लेकर भागा.. दिल्ली में बिजली-पानी कनेक्शन टूट गया, छह बुलडोजर आठ घंटे गरजे 6 may

सोमवार को तैमूर नगर, दक्षिण पूर्वी दिल्ली में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। आठ घंटे की कार्रवाई में छह बुलडोजरों ने कई घरों को ढहा दिया। जिन मकानों को तोड़ा गया, उनकी बिजली और पानी के कनेक्शन भी तोड़ दिए गए।

सोमवार को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के तैमूर नगर में अतिक्रमण हटाने की व्यापक कार्रवाई की। दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस कार्रवाई का आदेश दिया था। अधिकारियों ने कहा कि नाले के किनारे अतिक्रमण से हर साल मानसून के दौरान यहां जलभराव की समस्या होती है।

दिल्ली में बिजली-पानी कनेक्शन टूट गया,
दिल्ली में बिजली-पानी कनेक्शन टूट गया,

इसके अलावा, यहां बहुत से बांग्लादेशियों को अवैध रूप से कैद करने की आशंका भी है। कार्रवाई के दौरान दिल्ली नगर निगम, दिल्ली पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स के जवान उपस्थित थे। नाले के किनारे हो रहे अतिक्रमण को हटाना और मानसून के दौरान जलभराव की समस्या को दूर करना था।

इस दौरान नाले से नौ मीटर की दूरी तक बनी कई अवैध इमारतों और ढांचों को ध्वस्त कर दिया गया।

दरअसल, दिल्ली उच्च न्यायालय ने 28 अप्रैल को डीडीए को 5 मई को तैमूर नगर नाले के पास अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे। तीन लाख से अधिक लोगों की आबादी वाले तैमूर नगर, श्रीनिवासपुरी, गढ़ी, कालिंदी, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी और फ्रेंड्स कॉलोनी वेस्ट इस नाले के आसपास रहते हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने मानसून के दौरान होने वाले जलभराव के चलते यह आदेश जारी किया था। कार्रवाई के दौरान लोग राशन और फर्नीचर की शिफ्टिंग में जुटे रहे।

इसके लिए सोमवार सुबह सात बजे से दिल्ली पुलिस और RAF के जवान तैनात कर दिए गए। डीडीए के अधिकारियों के मौके पर पहुंचने के बाद कार्रवाई करीब 8:30 बजे शुरू हुई और शाम 4:30 बजे तक चलती रही। नाले से सटे नौ मीटर क्षेत्र में सौ से अधिक अवैध घरों और डेयरियों को तोड़ दिया गया। सुरक्षित रहने के लिए सड़क के दोनों ओर बैरिकेड लगाए गए और बिजली-पानी के कनेक्शनों को उन इमारतों से काट दिया गया।

स्थानीय लोगों ने दी हाईकोर्ट जाने की चेतावनी

कार्रवाई को लेकर स्थानीय लोग बहुत क्रोधित हैं। कपासिया मोहल्ला निवासी सुरेंद्र सिंह ने कहा कि वे करीब दो सौ सालों से यहां रह रहे हैं और यह जमीन उनके पूर्वजों की है। उन्हें बताया गया कि यह जमीन 2007 में राज्य सरकार द्वारा अधिकृत क्षेत्र घोषित की गई थी और यह विस्तारित लाल डोरा श्रेणी में आता है। सुरेंद्र ने कहा कि महारानी बाग में नाले की चौड़ाई सिर्फ नौ मीटर थी। तैमूर नगर की चौड़ाई 27 मीटर बढ़ाई गई है, जो भेदभावपूर्ण और अन्यायपूर्ण है। उनका दावा था कि वे इस कार्रवाई के खिलाफ उच्च न्यायालय जाएंगे।

45 सालों से रह रहे परिवारों पर भी छत का संकट

तैमूर नगर निवासी अजय कामत ने बताया कि जहां घटना हुई, परिवार करीब 45 वर्षों से वहां रह रहे थे। कई घरों में भी किरायेदार रहते थे। उसने कहा कि इस अभियान के दौरान झटके में दो हजार से अधिक लोग बेघर हो गए हैं, जिनके पास वर्तमान में कोई घर नहीं है। वहीं, लोगों का आरोप है कि बांग्लादेशियों ने नाले के पास लंबे समय से अवैध रूप से रहने के लिए पक्के मकान बनाए थे। कई शिकायतों के बावजूद प्रशासन ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की।

तैमूर नाले पर अतिक्रमण के चलते कार्रवाई की गई है, नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि जलभराव बनी बड़ी समस्या है और मानसून से पहले सफाई की जरूरत है। CM रेखा गुप्ता ने दिल्ली के सभी नालों की सफाई के लिए अलग-अलग टीमें बनाई हैं। साथ ही दिल्ली में अवैध कब्जे की निगरानी की जा रही है। फ्रेंड्स कॉलोनी के आरडब्ल्यूए सदस्यों ने बताया कि बारिश में नाले का पानी घरों में कुछ ही घंटों में भर जाता है। कॉलोनी क्षेत्र ग्रेड-ए में आती है। फिर भी हर मानसून में जलभराव की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो जाती है। उनका कहना था कि तैमूर नगर नाले को डीडीए, जल बोर्ड और नगर निगम मिलकर सफाई करेंगे।

महज पांच फीट रह गई नाले की चौड़ाई

अधिकारियों के अनुसार, तैमूर नाला लगभग पांच सौ मीटर लंबा है, जो खिजराबाद मेन रोड से महारानी बाग के गेट नंबर 5 तक जाता है। 20 से 30 फीट चौड़ा पहला भाग इस नाले का है। वहीं, कचरा और अतिक्रमण के कारण इसकी चौड़ाई घटकर केवल पांच फीट रह गई है। इससे मानसून के दौरान कई स्थानों पर नाला जाम होता है। इससे बारिश के दौरान तैमूर नगर, श्रीनिवासपुरी और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी सहित आसपास के क्षेत्रों में जलभराव होता है। इस इलाके में करीब तीन लाख लोग रहते हैं, जिनके लिए प्रत्येक वर्ष मानसून एक बड़ी चुनौती बनता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *