फ्री बिजली नहीं; CM रेखा गुप्ता ने बताया दिल्ली का नया प्लान 13 May

फ्री बिजली नहीं; CM रेखा गुप्ता ने बताया दिल्ली का नया प्लान 13 May
इससे दिल्ली विधानसभा में पहली बार 500 केवी सोलर पावर प्लांट का शिलान्यास हुआ है। जानकारी के अनुसार, सोलर पावर परियोजना 45 दिन में पूरी होगी।
दिल्ली विधानसभा में पांच सौ किलोवाट के सोलर पावर प्लांट का शिलान्यास हुआ है। सोमवार को उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और स्पीकर विजेंद्र गुप्ता की उपस्थिति में इसका उद्घाटन किया।
इससे पहली बार दिल्ली विधानसभा में 500 किलोवाट सोलर पावर प्लांट का शिलान्यास हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, सोलर ऊर्जा परियोजना 45 दिन में पूरी होगी, जिसके बाद विधानसभा पूरी तरह से सोलर ऊर्जा से चलेगी। वहीं इसके चलते 15 लाख रुपये की बिजली बच जाएगी।

सोलर पावर नेटवर्क बनेगा दिल्ली
सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि दिल्ली सरकार हर दिन नए कार्यक्रम प्रस्तुत करती है। जिन पर काम अभी भी जारी है। दिल्ली सरकार का लक्ष्य इस 500 किलोवाट सोलर पावर प्लांट की स्थापना और राजधानी को सोलर पावर नेटवर्क बनाना है। उन्होंने कहा कि हम हर सरकारी या निजी इमारत में सोलर पावर प्लांट लगाना चाहते हैं। इससे दिल्ली को स्वतंत्र होने की दिशा में पहला कदम उठाया गया है। यदि प्रत्येक इमारत पर सोलर पावर प्लांट लगाया जाएगा, तो उससे इतनी ऊर्जा मिलेगी कि हर घर की आवश्यकताओं को पूरा कर सकेगी।
सोलर पावर प्लांट लगाने के बाद, मुख्यमंत्री ने कहा कि आप अपने घरों में जितनी चाहें उतनी बिजली बना सकते हैं और बची हुई बिजली को सरकार को वापस बेच सकते हैं।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार हर दिन नई परियोजनाएं शुरू करती है और उन पर काम चल रहा है। हमारा लक्ष्य दिल्ली विधानसभा में 500 किलोवाट के सोलर पावर प्लांट की आधारशिला रखने के अलावा दिल्ली में सोलर पावर नेटवर्क का निर्माण करना है, जिससे शहर को हरा-भरा और स्वच्छ बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य है कि हर सरकारी या निजी इमारत पर सोलर पावर प्लांट लगाए जाएं, ताकि दिल्ली स्वयं चल सके और ग्रीन पावर उत्पादन कर सके। आज दिल्ली को 9 हजार मेगावाट बिजली चाहिए, उन्होंने कहा। वहीं सोलर पावर प्लांट फ्री बिजली उत्पादन करते हैं। आप बिजली खुद बना सकते हैं, खुद उपयोग कर सकते हैं और सरकार को भी दे सकते हैं। दिल्ली इस पूरी नेटवर्किंग में आगे बढ़ रही है।
दिल्ली में तेजी से बढ़ रही बिजली की खपत
दिल्ली में बिजली की खपत हर दिन बढ़ रही है, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का कहना है। यही कारण है कि सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण है। ग्रीन दिल्ली का सपना पूरा होगा अगर हर घर में सोलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे। यदि यह परियोजना कामयाब होती है तो दिल्ली को बिजली देने की कोई जरूरत ही नहीं पड़ेगी। सभी लोग खुद बिजली बनाएंगे और उतना इस्तेमाल करेंगे जितना चाहें। शेष बिजली सरकार को बेचकर लाभ भी प्राप्त कर सकेंगे। दिल्ली को अभी 9000 मेगावाट बिजली की जरूरत है।
बिजली बिल पर सब्सिडी बना था चुनावी मुद्दा
बिजली बिल पर सब्सिडी चुनावी मुद्दा बन गई। भाजपा की सरकार बनने पर, आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल सहित कई नेताओं ने कहा कि मुफ्त बिजली योजनाएं बंद कर दी जाएंगी। भाजपा ने इसे तुम्हारा प्रचार बताया था।
चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनकल्याणकारी कार्यक्रमों को जारी रखने का वादा किया था। कैबिनेट बैठक के बाद दिल्ली के ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने प्रेस वार्ता की। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हुई बैठक में चार प्रमुख वर्गों के लिए सब्सिडी जारी रखने का फैसला किया गया है, उन्होंने कहा। इनमें किसानों, 1984 के सिख दंगों के पीड़ितों, वर्तमान घरेलू उपभोक्ताओं और वकीलों के चैंबर से संबंधित सब्सिडी शामिल हैं।
इस निर्णय से विरोधी पक्ष का गलत प्रचार समाप्त हो गया है। कुछ स्वयंभू बेरोजगार नेता जनता को धोखा देते रहते हैं, लेकिन हम यकीन करते हैं कि दिल्ली सरकार अपने काम पर पूरी तरह से गंभीर है। जनता के हित में सरकार हर आवश्यक कदम उठाएगी।
किसे कितनी सब्सिडी मिलती है?
1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों को 400 यूनिट बिजली फ्री में दी जाती है। 2018 में इस योजना को लागू किया गया था। करीब 758 परिवारों को इसका लाभ मिलता है। 125 यूनिट तक सब्सिडी और फिक्स चार्ज पर किसानों को 105 रुपये प्रति किलोवाट मासिक सब्सिडी मिलती है। 10,676 किसान इससे लाभान्वित होते हैं।
वकीलों के चैंबरों को, घरेलू उपभोक्ताओं की तरह, 200 यूनिट प्रतिमाह खपत पर 100 प्रतिशत सब्सिडी और 201 से 400 यूनिट तक खपत पर 50 प्रतिशत सब्सिडी मिलती है। 4899 वकीलों इससे लाभान्वित हो रहे हैं। फरवरी में दिल्ली के 68.7 लाख बिजली उपभोक्ताओं में से 42 लाख को जीरो बिजली बिल मिल गया।
सीएम ने कहा कि हमने सौर ऊर्जा के लिए शुल्क भी बढ़ा दिया है। 3 किलोवाट तक हमलों का मूल्य शुरू में 78 हजार रुपए था। दिल्लीवासी इससे प्रेरित होकर आगे बढ़े। हर निर्माण में सोलर पावर का पूरी तरह से उपयोग होता है।