चैत्र नवरात्रि आज नवरात्रि का पहला दिन है

शैलपुत्री
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चैत्र नवरात्रि :आज नवरात्रि का पहला दिन है

नवरात्र दो ऋतुओ के संधिकाल में स्वयं को तरारने व निखारने वाला बेहद विलक्षण और अद्भुत नौ दिवसीय महापर्व है । आज यानी 30 मार्च 2025 से चैत्र नवरात्रि शुरू है , नवरात्रि के समय नौ दिनों तक माँ दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है , और साथ ही चैत्र नवरात्रि के नवमी के दिन रामनवमी मनाई जाती है ।

चैत्र नवरात्रि 8 दिनों की,
चैत्र नवरात्रि 8 दिनों की- Priyanka singh

आज नवरात्रि का पहला दिन है , और पहले दिन माता के जिस रूप की पूजा की जाती है उनका नाम है माता शैलपुत्री, माँ शैलपुत्री पर्वत के राजा हिमायत की पुत्री है , हिमालय की पुत्री होने कि वजह से उनका वर्ण सफेद है । माँ शैलपुत्री को श्वेत और नारंगी रंग प्रिय है , माता शैलपुत्री को हेमवती और पार्वती के नाम से भी जाना जाता है , माता शैलपुत्री का महत्व और शक्ति अनंत है । माँ शैलपुत्री वृषभ पर विराजमान रहती हैं , उनका वाहन बैल है इसलिए उन्हें बृषारूढ़ा के नाम से भी जाना जाता है । माँ शैलपुत्री दायें हाथ में त्रिशूल धारण करतीं हैं , और बाएं हाथ में कमल शुशोभित होता है।

माता शैलपुत्री को मान्यता के अनुसार माता सती का पुनर्जन्म माना जाता है , इसके पीछे की कथा यह है की, जब प्रजापति ने यज्ञ किया , तो उसमे सारे देवी देवताओं को निमंत्रण था मगर भगवान शिव को नहीं बुलाया गया था , देवी सती की काफ़ी इच्छा थी की वो यज्ञ में जाए जिसे देख शिव जी ने उन्हें जाने कि अनुमति दे दि , मगर जब देवी सती वहाँ पहुची तो केवल माँ से ही उन्हें स्नेह मिला , राजा दक्ष और बहनों ने उनके और भगवान शिव के प्रति उपहास और व्यंग्य का भाव रखा , माता सती अपने पति का अपमान ना सह पायीं और योगाग्नि द्वारा अपने आप को जलाकर भस्म कर लिया । और सती अगले जन्म में सैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्मी और शैलपुत्री कहलाई ।

माँ शैलपुत्री को अखंड सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है ।

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