ED ने झारखंड और बिहार में बोकारो वन भूमि मामले में 16 स्थानों पर छापेमारी की है

ED ने झारखंड और बिहार में बोकारो वन भूमि मामले में 16 स्थानों पर छापेमारी की है
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ED ने झारखंड और बिहार में बोकारो वन भूमि मामले में 16 स्थानों पर छापेमारी की है

अधिकारियों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार (22 अप्रैल, 2025) को बोकारो वन भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन की जांच के तहत झारखंड और बिहार में कई स्थानों पर छापा मारा गया।

उन्होंने कहा कि दोनों पड़ोसी राज्यों में लगभग 16 स्थानों पर तलाशी ली जा रही है।

उन्होंने कहा कि बोकारो के मौजा तेतुलिया में 103 एकड़ संरक्षित वन भूमि का “धोखाधड़ी” से अधिग्रहण किया और अवैध बिक्री कथित वन भूमि घोटाले में भी शामिल था।

ED ने झारखंड और बिहार में बोकारो वन भूमि मामले में 16 स्थानों पर छापेमारी की है
ED ने झारखंड और बिहार में बोकारो वन भूमि मामले में 16 स्थानों पर छापेमारी की है

2024 में बोकारो के सेक्टर-12 थाने में करीब 103 एकड़ वन भूमि की खरीद-बिक्री का मामला दर्ज किया गया। इसके बाद सीआईडी ने जांच शुरू की।

प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को झारखंड और बिहार के विभिन्न जिलों में जमीन घोटाले के मामले में बड़ी कार्रवाई की। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कार्रवाई की है। रांची, बोकारो, रामगढ़ सहित झारखंड और बिहार के 16 स्थानों पर जांच एजेंसी ने छापेमारी की। बोकारो के मौजा तेतुलिया क्षेत्र में 103 एकड़ संरक्षित वन भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त और धोखाधड़ी से अधिग्रहण का मामला सामने आया है। सरकारी नियमों की अनदेखी और जमीन खरीद में फर्जी दस्तावेजों का उपयोग भी हुआ है।

ईडी की टीम ने राजबीर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के कार्यालय को भी हरिओम टावर बिल्डिंग, रांची में छापा मारा। ईडी इस मामले में विभिन्न कंपनियों और व्यक्तियों की भूमिका की गहन जांच कर रहा है। इसके अलावा, कई बड़े खुलासे होने की भी संभावना जताई जा रही है।

जानकारी के अनुसार, 2024 में बोकारो के सेक्टर-12 थाने में करीब 103 एकड़ वन भूमि की खरीद-बिक्री का मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद सीआईडी ने जांच शुरू की। सीआईडी की शुरुआती जांच में स्पष्ट रूप से पता चला कि बीएसएल के कर्मचारियों और माफियाओं ने मिलकर जमीन चोरी की थी। इस दुर्घटना में, बीएसएल ने वन विभाग को प्रॉपर तरीके से जमीन का हैंडओवर नहीं करना बताया। इसके बाद ईडी ने इस मामले की जांच शुरू की।

वन भूमि घोटाले की जांच सीआईडी भी कर रही है

ED ने झारखंड और बिहार में बोकारो वन भूमि मामले में  16 स्थानों पर छापेमारी की है
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झारखंड पुलिस की अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) भी वन भूमि घोटाले की जांच कर रही है। 2022 में वन भूमि घोटाले का मामला सामने आया है। बोकारो में एक कंपनी को वन विभाग की 74.38 एकड़ जमीन प्रशासन ने दी थी।

इन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज था

2024 में महेंद्र मिश्रा ने इजहार हुसैन, अख्तर हुसैन, रहमत हुसैन, ललन सिंह और शैलेश सिंह के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया था । इसके अलावा, उसी वर्ष बोकारो मे वन प्रमंडल अधिकारी ने सेक्टर 12 में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

जनवरी 2025 में बोकारो के वन प्रमंडल पदाधिकारी रजनीश कुमार ने उत्तरी छोटानागपुर के आयुक्त से इसकी शिकायत की थी। उन्होंने बताया था कि बोकारो के कुछ प्रशासनिक अधिकारियों ने वर्ष 2022 में महेंद्र मिश्रा की 10 डिसमिल जमीन के नाम से फर्जी हस्ताक्षर किया शुद्धि पत्र संबंधित आवेदन में हेराफेरी किया फिर उसे 74.38 एकड़ कर दिया था।

ED ने झारखंड और बिहार में बोकारो वन भूमि मामले में  16 स्थानों पर छापेमारी की है
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सीआईडी इस मामले की जांच कर रही है। ईडी ने भी इसी केस के आधार पर सीआईए दर्ज किया है, जिसके मामले में मंगलवार की सुबह छापामारी शुरू हुई है।

बांका में ईडी की छापामारी।

ईडी की एक टीम मंगलवार सुबह बांका के बौंसी के डैम रोड में श्रीराम कंस्ट्रक्शन के घर पर छापेमारी कर रही है। दो वाहनों से आई ईडी टीम ने व्यवसायी के मेडिकल स्टोर से लेकर पूरे घर की सघन छापामारी की है। विभिन्न दस्तावेजों की जांच पड़ताल अभी भी जारी है। कंपनी के मालिक वीर अग्रवाल और मेडिकल संचालक राम अग्रवाल से पूछताछ की जा रही है। जानकारी के मुताबिक झारखंड में श्रीराम कंस्ट्रक्शन का बड़ा कंस्ट्रक्शन कारोबार है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफी करीबी माने जाते हैं। मालिक वीर अग्रवाल और उनके दो पुत्र बबलू अग्रवाल और श्याम अग्रवाल झारखंड में व्यापार करते हैं।

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