भारतीय सेना बॉर्डर के साथ अपने सैनिकों का भी ध्यान

भारतीय सेना
बॉर्डर के साथ अपने सैनिकों का भी ध्यान
हाल ही में भारतीय थल सेना के जवान हवलदार सूरज राय के साथ हुई घटना की जानकारी मिलते ही एडम कमांडेंट लेफ्टिनेंट कर्नल तक़ीर मुंतखाब और एसएचओ कर्नल रजनीश शर्मा ने केस की हर रिपोर्ट सीनियर अधिकारियों तक तुरंत भेजी, जो बहुत प्रशंसनीय है। पूर्व सैनिकों ने स्टेशन कमांडर ब्रिगेडियर राजकुमार का भी आभार प्रकट किया, जिनके कठिन प्रयास और सहयोग से सैनिकों की बेल और केस की निष्पक्ष जांच शुरू हुई। लौह नगरी में रहने वाले आर्मी, एयर फोर्स, नेवी और सीआरपीएफ के सेवानिवृत्त सैनिक भी सैनिकों के संकट की घड़ी में पुलिस और प्रशासन के वरीय पदाधिकारियों को अपनी आवाज़ पहुँचाई और अपनी एकता का परिचय दिया।
लौह नगरी ने वर्षों से प्राकृतिक आपदाओं और सामाजिक कार्यों में प्रशासन की खुलकर मदद की है। जबकि पुलिस बल में अधिकांश पदाधिकारी सकारात्मक सोच के साथ पूर्व सैनिकों की मदद करते रहते हैं, कुछ पुलिसकर्मियों की बचकानी हरकत ने डिपार्टमेंट की छवि धूमिल कर दी। इस शहर के पूर्व सैनिकों ने अपनी युवावस्था में देश की रक्षा करने का वादा आज भी निभाने की कोशिश करते हैं। और उन्हें आगे भी कदम से कदम मिलाकर चलने का विचार रखते हैं।
भारतीय सेना, अपने कर्मचारियों और जवानों को भर्ती से लेकर उनके अंतिम संस्कार तक, उनका पेंशन, इलाज और सुरक्षा देने में विश्व में सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। प्रशंसा के पात्र हैं पूर्व सैनिक सेवा परिषद, भूतपूर्व सैनिक कल्याण संघ और ब्रिगेडियर रणविजय सिंह, ब्रिगेडियर पी के झा, ब्रिगेडियर वैद्यनाथन और कमांडर रमन सर। प्रशासन को अपने थाना क्षेत्र के पूर्व सैनिकों के साथ सहयोग और समन्वय कायम रखना चाहिए, जिससे समाज में सुरक्षा, सौहार्द और प्रगति को बढ़ावा देने में सैनिक सहयोगी की भूमिका निभा सकें।
सैनिक की रिहाई के बाद परिवार खुश है। सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के त्वरित सहयोग के लिए पुनः सभी सैनिक साथियों को बधाई।