जमशेदपुर: निजी स्कूल की फीस को लेकर मनमानी होगी बंद

जमशेदपुर: निजी स्कूल की फीस को लेकर मनमानी होगी बंद
शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निर्णय से शायद अभिभावकों को कुछ राहत मिलेगी क्योंकि निजी स्कूलों में ज्यादा शुल्कों की वजह से अभिभावकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
गलुडीह: सोमवार को, स्कूली शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने गालूडीह रिसॉर्ट में पत्रकारों के साथ एक प्रेस वार्ता की। मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि स्कूलों और जिला स्तर पर कमेटी बनाई जाएगी जो शुल्क निर्धारित करेगी।
स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने इसके लिए प्रत्येक आयुक्त और उपायुक्त को पत्र भेजा है। पत्र में झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम 2017 के आलोक में शुल्क समिति की स्थापना की मांग की गई। विद्यालय स्तर पर शुल्क समिति और जिला स्तर पर जिला समिति को 15 दिनों के अंदर बनाने को कहा गया है। सरकार स्कूलों की हर गतिविधि पर कड़ी निगरानी रखती है। अगर कोई स्कूल नियमों का पालन नहीं करता या मनमानी करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

विद्यालय कमेटी में शिक्षक और अभिभावक होंगे: विद्यालय स्तर पर शुल्क निर्धारित करने वाली कमेटी में बच्चों के अभिभावकों और शिक्षकों के साथ शिक्षक भी होंगे। निजी विद्यालय प्रबंधन द्वारा मनोनीत प्रतिनिधि कमेटी का अध्यक्ष होगा, जो प्रावधान के अनुरूप होगा। इसके सदस्यों में विद्यालय प्रबंधन, सचिव, प्राचार्य और चार माता-पिता शामिल होंगे। विद्यालय प्रबंधन को फीस निर्धारण और बैठक की सूचना एक सप्ताह पहले देनी चाहिए। यदि विद्यालय समिति समय पर शुल्क निर्धारित करने में विफल रहती है, तो प्रबंधन इस प्रस्ताव को जिलास्तरीय कमेटी को पेश करेगा। विद्यालय में पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी होने पर भी इसे जिला कमेटी को भेजा जाएगा। वहीं, उपायुक्तों की अध्यक्षता में गठित समिति में संबंधित विधायक और सांसद भी शामिल होंगे।
सरकार निश्चित रूप से कार्रवाई करेगी अगर जिलास्तरीय समिति को निजी स्कूलों से कॉपी, किताब, स्कूल बैग, यूनिफॉर्म और री-एडमिशन के नाम पर फीस वसूलने की शिकायत मिलती है। उनका दावा था कि सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में बदलाव होगा। आदर्श स्कूल और मॉडल स्कूल अलग होंगे। सरकारी स्कूलों में निजी स्कूलों की तरह सुविधाएं होंगी। निजी स्कूलों के बारे में लोगों का भ्रम दूर हो जाएगा। स्कूलों में सीबीएसई के पाठ्यक्रम के अनुरूप पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। साथ ही शिक्षकों की कमी दूर हो जाएगी। जगदीश भकत, कालीपद गोराई, दुर्गाचरण हांसदा, कान्हू सामंत, रतन महतो, वकील हेंब्रम, काजल डॉन, मंटू महतो, दुलाराम टुडू, फूलचांद टुडू, जुझार सोरेन, बादल किस्कु, सुनाराम सोरेन, शेख बदरुद्दीन, दुलाल चंद्र हांसदा, मकरंजन बिषई आदि सहित अन्य लोग इस मौके पर उपस्थित थे।
उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस कार्य को सुचारू रूप से लागू किया जाएगा।